Last Updated:December 20, 2025, 17:04 IST
CJI Suryakant: न्याय की डगर पर अब छुट्टियों का कोई पहरा नहीं होगा, सर्द दिसंबर की वादियों में भी इंसाफ का सवेरा होगा. खुली रहेगी सीजेआई की अदालत, जब सारा देश सोएगा, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की बेंच के आगे अब हर पीड़ित का न्याय होगा. जी हां, इस विंटर वेकेशन के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई सूर्यकांत की बेंच बैठने जा रही है.
सीजेआई सूर्यकांत ने बड़ा निर्णय लिया. नई दिल्ली. भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में छुट्टियों का समय अक्सर शांति का होता है. लेकिन इस बार शीतकालीन अवकाश के दौरान भी न्याय की गूंज सुनाई देगी. देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने एक बड़ा फैसला लेते हुए छुट्टियों के बीच कोर्ट लगाने का निर्णय लिया है. आगामी 22 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की एक विशेष बेंच मामलों की सुनवाई के लिए बैठेगी. इस बेंच की अध्यक्षता स्वयं मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत करेंगे, जिनके साथ न्यायमूर्ति जोयमाल्या बागची भी मौजूद रहेंगे. यह कदम उन महत्वपूर्ण और जरूरी मामलों के लिए उठाया गया है जिन्हें लंबे समय तक टाला नहीं जा सकता. आमतौर पर छुट्टियों में कोर्ट बंद रहते हैं लेकिन CJI की इस पहल ने साफ कर दिया है कि न्याय की राह में छुट्टियां कभी बाधा नहीं बन सकतीं. आम जनता के लिए यह खबर किसी बड़ी राहत से कम नहीं है.
शीतकालीन अवकाश में विशेष सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की डेली कॉज-लिस्ट के अनुसार 22 दिसंबर 2025 को सुबह 11:00 बजे से अदालत की कार्यवाही शुरू होगी. यह एक विशेष ‘वैकेशन बेंच’ होगी जो महत्वपूर्ण सिविल मामलों पर विचार करेगी. अदालत में ‘फ्रेश एडमिशन’ के तहत कई महत्वपूर्ण याचिकाएं लिस्ट की गई हैं. इनमें ‘माहिका इंफ्रा एलएलपी बनाम मनीषा कंस्ट्रक्शंस’ जैसे अहम मुकदमे शामिल हैं. इन मामलों की अर्जेंट सुनवाई के लिए ‘मेंशन मेमो’ के जरिए अनुरोध किया गया था.
CJI सूर्यकांत और जस्टिस बागची की बेंच
इस विशेष सुनवाई के लिए गठित बेंच में अनुभवी जजों को शामिल किया गया है. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत के साथ जस्टिस जोयमाल्या बागची कानूनी बारीकियों को परखेंगे. वकीलों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे इस दिन स्थगन की मांग न करें. अदालत चाहती है कि लिस्ट किए गए सभी मामलों का निपटारा उसी दिन हो जाए. यह बेंच विशेष रूप से उन लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जिनके मामले बेहद संवेदनशील हैं. छुट्टियों में कोर्ट बैठने से लंबित मामलों के बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी.
वकीलों के लिए विशेष निर्देश जारी
सुप्रीम कोर्ट ने इस विशेष सुनवाई को लेकर एक जरूरी नोट भी जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अधिवक्ता लिस्टेड मामलों में तारीख आगे बढ़ाने का अनुरोध न करें. कोर्ट का लक्ष्य कार्यसूची में शामिल सभी विविध सुनवाइयों को समय पर पूरा करना है. यह निर्णय दिखाता है कि न्यायपालिका आधुनिक चुनौतियों के प्रति कितनी सजग है. जब पूरा देश छुट्टियों के मोड में होगा, तब सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में बहस जारी रहेगी. यह पहल न्याय की निरंतरता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी कदम है.
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पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
First Published :
December 20, 2025, 17:04 IST

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