Last Updated:December 17, 2025, 20:33 IST
Who is Kanwal Sibal:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ लंच को लेकर कंवल सिब्बल के एक पोस्ट ने उन्हें फिर सुर्खियों में ला दिया. बहुत कम लोग जानते हैं कि कपिल सिब्बल डिप्लोमैट बनना चाहते थे, लेकिन IFS न मिलने पर उन्होंने वकालत चुनी. वहीं बड़े भाई कंवल सिब्बल ने विदेश सेवा में रहकर भारत की कूटनीति में चार दशक तक बड़ा नाम कमाया. पढ़ें कंवल सिब्बल की अनसुनी कहानियां.
कंवल सिब्बल, पूर्व विदेश सचिव और कपिल सिब्बल के बड़े भाई, जिनकी तस्वीर PM मोदी और पुतिन के साथ वायरल है. (फोटो X)Who is Kanwal Sibal: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ लंच को लेकर कंवल सिब्बल का हालिया सोशल मीडिया पोस्ट अचानक चर्चा में आ गया. इस एक लाइन के पोस्ट ने लोगों का ध्यान उस शख्स की ओर खींचा, जो सत्ता के शोर से दूर रहते हुए भी भारत की कूटनीति के सबसे मजबूत स्तंभों में गिना जाता है. सवाल उठने लगे कि आखिर कंवल सिब्बल कौन हैं, जिनकी मौजूदगी वैश्विक नेताओं के बीच आज भी मायने रखती है.
इस चर्चा के बीच एक दिलचस्प पारिवारिक कहानी भी सामने आती है. बहुत कम लोग जानते हैं कि देश के दिग्गज वकील और नेता कपिल सिब्बल कभी डिप्लोमैट बनना चाहते थे और उनका सपना भारतीय विदेश सेवा (IFS) में जाने का था. लेकिन किस्मत ने उन्हें IAS की जगह कानून की राह दिखा दी. वहीं उनके बड़े भाई कंवल सिब्बल ने वही सपना जिया और चार दशक की राजनयिक सेवा में विदेश सचिव से लेकर रूस जैसे रणनीतिक देश में भारत के राजदूत तक का सफर तय कर कूटनीति की दुनिया में बड़ा नाम कमाया.
कंवल सिब्बल कौन हैं? क्यों है उनका नाम इतना अहम
कंवल सिब्बल भारत के उन गिने-चुने राजनयिकों में रहे हैं. जिन्होंने चार दशकों से ज्यादा समय तक भारतीय विदेश नीति को आकार दिया. वे 1966 बैच के IFS अधिकारी हैं और 2002–03 में भारत के विदेश सचिव रहे. रूस, फ्रांस, मिस्र और तुर्की जैसे अहम देशों में भारत के राजदूत के तौर पर उनकी भूमिका निर्णायक रही. वे मशहूर वकील और नेता कपिल सिब्बल के बड़े भाई हैं, लेकिन जहां कपिल सिब्बल कांग्रेस की राजनीति में विपक्ष की मुखर आवाज बने, वहीं कंवल सिब्बल सत्ता से दूर रहते हुए भी रणनीतिक सोच के केंद्र में बने रहे.
कैसे बनी कूटनीति की नींव?
कंवल सिब्बल का जन्म 18 नवंबर 1943 को हुआ. उनके पिता हीरा लाल सिब्बल देश के जाने-माने वकील थे, जिन्हें बाद में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. विभाजन के बाद परिवार ने दिल्ली में नई शुरुआत की. कंवल सिब्बल ने पंजाब यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एमए किया और बाद में उन्हें अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से मानद डॉक्टरेट भी मिली. सिविल सेवा उनके लिए सिर्फ करियर नहीं, बल्कि पारिवारिक विरासत थी.
IFS करियर: कैसे भारत की विदेश नीति को दी धार
1966 में IFS जॉइन करने के बाद कंवल सिब्बल ने कई संवेदनशील और रणनीतिक पोस्टिंग्स संभालीं. वॉशिंगटन में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन से लेकर मॉस्को में राजदूत तक, वे हर भूमिका में भारत के हितों के सख्त पैरोकार रहे. खासकर रूस के साथ रिश्तों में उन्हें ‘हार्ड टॉक डिप्लोमैट’ माना जाता है. यही वजह है कि कहा जाता है कि रूस भी उनकी समझ और सख्ती का सम्मान करता है.
एक नजर में कंवल सिब्बल का कूटनीतिक सफर
1966 बैच के IFS अधिकारी. विदेश सचिव (2002–03). भारत के राजदूत: फ्रांस, रूस, मिस्र, तुर्की. वॉशिंगटन में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन.कपिल सिब्बल से तुलना: एक परिवार, दो रास्ते
कंवल सिब्बल ने IFS चुना और कूटनीति में शीर्ष तक पहुंचे. कपिल सिब्बल भी IFS चाहते थे, लेकिन IAS मिलने पर कानून की राह चुनी. कंवल सत्ता से दूर, कपिल सत्ता के केंद्र में. कंवल मोदी सरकार की विदेश नीति के समर्थक. कपिल मोदी सरकार के मुखर आलोचक.Credit: X
विवाद जिसने छवि पर डाला साया: ओरांव मामला
कंवल सिब्बल का सबसे बड़ा विवाद 1999 के ओरांव दुर्व्यवहार मामले से जुड़ा रहा. फ्रांस में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी पर घरेलू सहायिका के साथ गंभीर उत्पीड़न के आरोप लगे. कंवल सिब्बल पर आरोप लगा कि उन्होंने मामले में सख्ती से कार्रवाई करने के बजाय अपने अधिकारी का बचाव किया. यह मामला भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असहज साबित हुआ और आज भी उनके करियर का सबसे विवादित अध्याय माना जाता है.
कंवल सिब्बल: एक नजर में
| फैक्ट | विवरण |
| जन्म | 18 नवंबर 1943 |
| सेवा | भारतीय विदेश सेवा (1966 बैच) |
| प्रमुख पद | विदेश सचिव (2002–03) |
| अहम पोस्टिंग | रूस, फ्रांस, मिस्र |
| भाई | कपिल सिब्बल |
| सम्मान | पद्म श्री |
| विवाद | 1999 ओरांव मामला |
रिटायरमेंट के बाद भी क्यों असरदार हैं कंवल सिब्बल?
सेवानिवृत्ति के बाद कंवल सिब्बल की आवाज और तेज हुई. वे विदेश नीति, रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन और पश्चिमी देशों पर बेबाक लेख लिखते हैं. सोशल मीडिया पर वे मोदी सरकार की रणनीतिक नीतियों का समर्थन करते दिखते हैं. जो उन्हें उनके भाई कपिल सिब्बल से बिल्कुल अलग खड़ा करता है.
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सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें
First Published :
December 17, 2025, 20:19 IST

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