अचानक क्यों हो रही 18-45 साल के युवाओं की मौत? हार्ट डिजीज या कुछ और, हो गया ख

1 hour ago

Last Updated:December 17, 2025, 20:41 IST

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक प्रोजेक्‍ट के तहत एम्‍स में हुई स्‍टडी में बताया गया है क‍ि प‍िछले कुछ सालों में 18 से 45 साल तक के युवाओं की अचानक मौत हुई हैं. इनकी मौतों के पीछे हार्ट की बीमार‍ियों का पता लगा है, साथ ही कोरोना की वैक्‍सीन की वजह से हार्ट अटैक हुए हैं या नहीं, इसके बारे में भी खुलासा हुआ है, आइए जानते हैं क्‍या कहती है स्‍टडी?

पिछले कुछ सालों से डांस करते या चलते-फिरते हुए युवाओं की मौत के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. इनके बारे में डॉक्टरों ने पाया कि इनमें से ज्यादातर लोगों का सडन हार्ट अटैक हुआ था, अब इसे लेकर एम्स की एक स्टडी सामने आई है.

पिछले कुछ सालों से डांस करते या चलते-फिरते हुए युवाओं की मौत के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. इनके बारे में डॉक्टरों ने पाया कि इनमें से ज्यादातर लोगों का सडन हार्ट अटैक हुआ था, अब इसे लेकर एम्स की एक स्टडी सामने आई है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक प्रोजेक्ट के तहत एम्स में हुई यह रिसर्च इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में छपी है, जिसमें कम उम्र के युवाओं में मौत की वजहों के बारे में बताया गया है.

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक प्रोजेक्ट के तहत एम्स में हुई यह रिसर्च इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में छपी है, जिसमें कम उम्र के युवाओं में मौत की वजहों के बारे में बताया गया है.

युवाओं को आ रहे हार्ट अटैक्स के पीछे लोगों को कोरोना की वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स होने का भी संदेह था, लेकिन इस रिसर्च ने उन सभी संदेहों को खारिज कर दिया है. इस स्टडी में बताया गया है कि कोविड वैक्सीन का इन मौतों से कोई लेना-देना नहीं है.

युवाओं को आ रहे हार्ट अटैक्स के पीछे लोगों को कोरोना की वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स होने का भी संदेह था, लेकिन इस रिसर्च ने उन सभी संदेहों को खारिज कर दिया है. इस स्टडी में बताया गया है कि कोविड वैक्सीन का इन मौतों से कोई लेना-देना नहीं है.

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स्टडी बताती है कि पिछले एक साल में अचानक मरने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग 45 से कम उम्र के थे, इनमें से कई तो बिल्कुल स्वस्थ थे. मरने वालों में पुरुषों की संख्या सबसे ज्यादा है. एम्स दिल्ली के पैथोलॉजी और मेडिसिन विभागों की स्टडी में 2214 पोस्टमॉर्टम की जांच की गई, इनमें से 180 मामले अचानक मौतों के थे.

स्टडी बताती है कि पिछले एक साल में अचानक मरने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग 45 से कम उम्र के थे, इनमें से कई तो बिल्कुल स्वस्थ थे. मरने वालों में पुरुषों की संख्या सबसे ज्यादा है. एम्स दिल्ली के पैथोलॉजी और मेडिसिन विभागों की स्टडी में 2214 पोस्टमॉर्टम की जांच की गई, इनमें से 180 मामले अचानक मौतों के थे.

स्टडी बताती है कि अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां निकलीं. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि युवाओं में होने वाली अचानक मौतों में 42.6% मामले दिल की बीमारियों से जुड़े थे. इनमें ज्यादातर लोगों की कोरोनरी धमनी में गंभीर ब्लॉकेज थे, जो पहले कभी पता नहीं चले थे. इसका मतलब है कि दिल की जानलेवा बीमारी चुपचाप बढ़ रही थी.

स्टडी बताती है कि अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां निकलीं. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि युवाओं में होने वाली अचानक मौतों में 42.6% मामले दिल की बीमारियों से जुड़े थे. इनमें ज्यादातर लोगों की कोरोनरी धमनी में गंभीर ब्लॉकेज थे, जो पहले कभी पता नहीं चले थे. इसका मतलब है कि दिल की जानलेवा बीमारी चुपचाप बढ़ रही थी.

स्टडी बताती है कि अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां निकलीं. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि युवाओं में होने वाली अचानक मौतों में 42.6% मामले दिल की बीमारियों से जुड़े थे. इनमें ज्यादातर लोगों की कोरोनरी धमनी में गंभीर ब्लॉकेज थे, जो पहले कभी पता नहीं चले थे. इसका मतलब है कि दिल की जानलेवा बीमारी चुपचाप बढ़ रही थी.

स्टडी बताती है कि अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां निकलीं. फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि युवाओं में होने वाली अचानक मौतों में 42.6% मामले दिल की बीमारियों से जुड़े थे. इनमें ज्यादातर लोगों की कोरोनरी धमनी में गंभीर ब्लॉकेज थे, जो पहले कभी पता नहीं चले थे. इसका मतलब है कि दिल की जानलेवा बीमारी चुपचाप बढ़ रही थी.

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First Published :

December 17, 2025, 20:41 IST

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