दिल्ली पुलिस ने बीयर की बोतल से कैसे रिजवान, कामरान और फरजान का काम तमाम किया?

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Last Updated:December 22, 2025, 14:11 IST

दिल्ली के करोल बाग में रील शूट कर रहे एक युवक पर बीयर की बोतल से जानलेवा हमला हुआ. हमलावरों ने युवक के सिर पर टूटी हुई बोतल से वार किया और फरार हो गए. दिल्ली पुलिस ने इस ब्लाइंड केस को सुलझाने के लिए एक अनोखा रास्ता चुना. मौके पर मिली टूटी बोतल के 'बारकोड' को स्कैन कर पुलिस उस ठेके तक पहुंची जहां से शराब खरीदी गई थी. सीसीटीवी और फॉरेंसिक सबूतों की मदद से तीनों आरोपियों को दबोच लिया गया है. यह कहानी पुलिस की आधुनिक जांच और तकनीक के मेल का शानदार उदाहरण है.

दिल्ली पुलिस ने बीयर की बोतल से कैसे रिजवान, कामरान और फरजान का काम तमाम किया?

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की जांच का एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी जासूसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है. करोल बाग के अजमल खान पार्क में एक युवक पर हुए जानलेवा हमले की गुत्थी को सुलझाने के लिए दिल्ली पुलिस ने किसी चश्मदीद का इंतजार नहीं किया, बल्कि मौके पर पड़ी ‘बीयर की एक टूटी हुई बोतल’ को ही अपना सबसे बड़ा सुराग बना लिया. इस बोतल पर लगे एक छोटे से बारकोड की मदद से पुलिस ने न केवल हमलावरों की पहचान की, बल्कि उन्हें सलाखों के पीछे भी पहुंचा दिया. दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे के अंदर एक शख्स पर हमला करने के आरोप में रिजवान, कामरान और फरजान को गिरफ्तार कर लिया है.

रील शूट के दौरान शुरू हुआ खूनी खेल

यह घटना 15 दिसंबर 2025 की है. दिल्ली का एक युवक अपने दोस्त के साथ करोल बाग स्थित ऐतिहासिक अजमल खान पार्क में सोशल मीडिया के लिए ‘रील’ शूट कर रहा था. शाम का वक्त था और पार्क में चहल-पहल थी. उसी दौरान पार्क के एक कोने में तीन अज्ञात युवक बैठकर शराब पी रहे थे. तीनों में से एक ने रील शूट कर रहे शख्स से माचिस मांगा. शख्स के मना करने पर तीनों ने उस शख्स की लेनी शुरू कर दी. इसके बाद तीनों ने फब्तियां कसनी शुरू कर दीं और बदतमीजी पर उतर आए. जब पीड़ित ने उनका विरोध किया तो नशे में धुत उन बदमाशों ने गाली-गलौज शुरू कर दी. विवाद इतना बढ़ा कि एक शख्स ने बीयर की बोतल उठाई, उसे पत्थर पर मारकर तोड़ा और सीधे पीड़ित के सिर पर जोरदार वार कर दिया.

खून से लथपथ शख्स कैसे पहुचा अस्पताल?

पीड़ित खून से लथपथ होकर वहीं गिर पड़ा. हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से फरार हो गए. पीड़ित के दोस्त ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और उसे पास के अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों के मुताबिक, बोतल का वार इतना गहरा था कि अगर समय पर इलाज न मिलता तो युवक की जान जा सकती थी.

तफ्तीश की चुनौती

दिल्ली पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी कि आरोपी तक कैसे पहुंचा जाए. ऐसे में बीयर का पड़ा एक टुकड़ा में दर्ज बारकोड बना ‘गेम चेंजर’. दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि आरोपी पूरी तरह अज्ञात थे और पार्क में उस समय रोशनी कम होने के कारण पीड़ित का दोस्त भी उनके चेहरे ठीक से नहीं देख पाया था. करोल बाग थाना पुलिस ने मौके का मुआयना किया, तो उन्हें वहां बीयर की टूटी हुई बोतलें और कुछ खून के धब्बे मिले. यहीं से दिल्ली पुलिस की ‘स्मार्ट इन्वेस्टिगेशन’ शुरू हुई. पुलिस ने मौके से उन बोतलों के अवशेष उठाए जिन पर बारकोड और बैच नंबर साफ दिखाई दे रहे थे.

जांच टीम ने आबकारी विभाग की मदद से उस बारकोड को स्कैन किया. दिल्ली में शराब की हर बोतल का एक यूनिक ट्रैक रिकॉर्ड होता है. स्कैनिंग से पता चला कि वह विशिष्ट बोतल करोल बाग इलाके के ही एक सरकारी शराब ठेके से वारदात वाले दिन ही खरीदी गई थी. पुलिस तुरंत उस ठेके पर पहुंची और वहां लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले.

सीसीटीवी और फॉरेंसिक कड़ियों का मिलान

शराब ठेके के सीसीटीवी में तीन युवक उसी ब्रांड की बीयर खरीदते हुए नजर आए, जिसकी बोतल मौके पर मिली थी. पुलिस ने उन चेहरों के हुलिए का मिलान पीड़ित के दोस्त द्वारा बताए गए विवरण से किया. इसके बाद, पुलिस ने पार्क के एंट्री और एग्जिट गेट्स के साथ-साथ आसपास की सड़कों पर लगे करीब 50 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण किया. तकनीकी सर्विलांस और फॉरेंसिक टीम ने बोतल पर मिले उंगलियों के निशानों को भी सुरक्षित किया.

कानूनी शिकंजा और पुलिस का संदेश

कड़ी से कड़ी जुड़ती गई और पुलिस ने उन तीनों आरोपियों के छिपने के ठिकाने का पता लगा लिया. रविवार को एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी कर तीनों को दबोच लिया. पूछताछ में आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि नशे की हालत में उन्होंने मामूली बात पर आपा खो दिया था.

दिल्ली पुलिस ने पीड़ित की शिकायत और वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 (हत्या का प्रयास) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. डीसीपी ने बताया कि यह मामला साबित करता है कि अब अपराधी सबूत मिटाने की कितनी भी कोशिश करें, फॉरेंसिक और डिजिटल साक्ष्य उन्हें बचने नहीं देंगे. फिलहाल, तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और पुलिस इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. पार्क में घूमने वाले लोगों ने पुलिस की इस वैज्ञानिक जांच की जमकर तारीफ की है.

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रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

December 22, 2025, 14:11 IST

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