जर्मनी में राहुल की कही 10 बातें, जिस पर भड़क गई बीजेपी, बता दिया देश विरोधी

2 hours ago

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत की संस्थाओं पर ‘कब्जे’ और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़े बयान पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ा ऐतराज जताया है. जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने भारत की संस्थागत व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों को राजनीतिक हथियार बना दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है.

बर्लिन के हर्टी स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यह स्थिति भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला है. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए संस्थाओं का इस्तेमाल कर रही है और इसके खिलाफ विपक्ष एक संगठित प्रतिरोध तंत्र खड़ा करेगा.

ईडी-सीबीआई को लेकर क्या बोल राहुल?

राहुल गांधी ने कहा, ‘भारत की संस्थागत व्यवस्था पर पूरी तरह कब्जा कर लिया गया है. हमारी खुफिया एजेंसियां, ईडी और सीबीआई को हथियार बना दिया गया है. बीजेपी के खिलाफ ईडी और सीबीआई के पास कोई केस नहीं है, जबकि ज्यादातर राजनीतिक मामले उन लोगों के खिलाफ हैं जो सरकार का विरोध करते हैं.’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस का समर्थन करने वाले कारोबारी वर्ग को धमकाया जाता है और सत्ताधारी पार्टी सरकारी तंत्र का इस्तेमाल राजनीतिक शक्ति जुटाने के लिए कर रही है.

राहुल ने बताया किससे है उनकी लड़ाई?

कांग्रेस की तरफ से जारी एक वीडियो में राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत की संस्थाओं पर हमला, दरअसल संविधान को कमजोर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी मूल रूप से संविधान को खत्म करने का प्रस्ताव रख रही है. राज्यों, भाषाओं और धर्मों के बीच समानता के विचार को समाप्त किया जा रहा है. संविधान का मूल विचार यह है कि हर व्यक्ति का मूल्य समान है, और उसी पर हमला हो रहा है.’

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि विपक्ष की लड़ाई केवल बीजेपी नाम की राजनीतिक पार्टी से नहीं, बल्कि भारत की संस्थागत संरचना पर हो रहे कब्जे के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस चुनौती से निपटने के लिए एक प्रभावी प्रतिरोध प्रणाली विकसित करेगा.

राहुल के बयान पर क्या बोली बीजेपी?

राहुल गांधी के इन बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उन पर विदेश की धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर भारत की बदनामी करना कोई नई बात नहीं है. उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बल्कि ‘लीडर ऑफ प्रोपेगैंडा’ कहा जाना चाहिए.’

पूनावाला ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेश में भारत विरोधी तत्वों से मुलाकात करते हैं और ऐसे लोगों से जुड़े रहते हैं जो भारत को अस्थिर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि झूठे आरोप और दुष्प्रचार करना राहुल गांधी का पूर्णकालिक काम बन गया है.

वहीं बिहार सरकार में मंत्री दिलीप जायसवाल ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेश में भारत को बदनाम करने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं, तो अपने ही देश के खिलाफ बोलते हैं. इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है? लोकतंत्र में, आपको भारत में बोलने का सबसे बड़ा हक है. यह अकेला ऐसा देश है जहां विपक्ष को अपनी बात कहने का हक है. बहुत से देशों में बोलने की आजादी नहीं है, और लोगों को बोलने का हक भी नहीं है. फिर भी भारत में, जहां इतना मजबूत डेमोक्रेटिक सिस्टम है, राहुल गांधी विदेश में देश को बदनाम करने की कोशिश करते हैं.’

बर्लिन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी, RSS और चुनाव को लेकर वो 10 बड़ी बातें कौन सी कही हैं, जिस पर विवाद बढ़ गया है. आइए आपको बताते हैं…

पहला बयान- भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है दूसरा बयान- देश की चुनावी व्यवस्था में गड़बड़ी है तीसरा बयान- हमें भरोसा है कि EVM में समस्या है चौथा बयान- हरियाणा चुनाव में एक ब्राजिलियन मॉडल ने 22 बार वोट किए पांचवां बयान- हरियाणा में एक महिला ने एक बूथ पर 200 वोट डाले छठा बयान- चुनावी व्यवस्था में समस्या की वजह से कांग्रेस हरियाणा में हारी सातवां बयान- संस्थानिक ढांचे पर पूरी तरह से बीजेपी का कब्जा आठवां बयान- ख़ुफ़िया एजेंसियों, CBI और ED का हथियारों की तरह इस्तेमाल नौवां बयान- राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए धार्मिक ताकत का इस्तेमाल और दसवां बयान- INDIA गठबंधन के सभी नेताओं को RSS से नफरत है

इंडिया गठबंधन पर क्या बोले राहुल गांधी?

बर्लिन में राहुल गांधी ने भारत की विविधता और संघीय ढांचे पर भी बात की. उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहुलतावादी देश को किसी एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं, बल्कि संवाद के जरिये चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘भारत को राज्यों के बीच एक संवाद होना चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति की इच्छा से शासन.’

INDIA गठबंधन पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भले ही सहयोगी दल राज्यों और स्थानीय स्तर पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हों, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा का विरोध करने में एकजुट हैं.

आर्थिक नीतियों को लेकर भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मौजूदा आर्थिक मॉडल दिशा विहीन हो गया है और आगे चलकर गंभीर चुनौतियों का सामना करेगा.

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