Last Updated:December 21, 2025, 16:08 IST
Hijab controversy Bihar Nitish Kumar : हिजाब विवाद के बाद सुर्खियों में आईं आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन की ज्वाइनिंग अब सिर्फ एक नियुक्ति का मामला नहीं रह गया है. नीतीश सरकार के सभी आयुष चिकित्सकों की ज्वाइनिंग तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाने के फैसले ने इस पूरे प्रकरण को नया मोड़ दे दिया है. प्रशासन उम्मीद लगाए बैठा है, जबकि सियासी और सामाजिक बहस लगातार तेज हो रही है. वहीं, नुसरत परवीन को लेकर अनिश्चितता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है
डॉ नुसरत परवीन की ज्वाइनिंग पर अनिश्चितता, नीतीश कुमार सरकार ने आयुष डॉक्टरों की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाई. पटना. बिहार में आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन की ज्वाइनिंग का मामला अब एक नया मोड़ ले चुका है. हिजाब विवाद के बाद सुर्खियों में आईं डॉ नुसरत की ज्वाइनिंग को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी आयुष चिकित्सकों की ज्वाइनिंग तिथि को 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक अमित कुमार पांडेय ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. इससे पहले 20 दिसंबर को पटना सदर के सिविल सर्जन कार्यालय में अधिकारी पूरे दिन डॉ नुसरत का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं पहुंचीं. अब अधिकारियों को उम्मीद है कि वह जल्द ज्वाइन करेंगी.
ज्वाइनिंग तिथि का बढ़ना एक पॉजिटिव कदम
राज्य स्वास्थ्य समिति ने आयुष डॉक्टरों की ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है. यह फैसला उन डॉक्टरों के लिए राहत की सांस है जो किसी कारणवश समय पर ज्वाइन नहीं कर पाए. ईडी अमित कुमार पांडेय के पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह विस्तार सभी चयनित आयुष चिकित्सकों पर लागू होगा. सूत्रों के मुताबिक, इस फैसले का मुख्य कारण डॉ नुसरत परवीन का मामला है, जिनकी आरबीएसके योजना के तहत पटना सदर में पोस्टिंग हुई है. अधिकारियों ने ज्वाइनिंग फॉर्म तैयार रखे थे, लेकिन 20 दिसंबर को सुबह से शाम तक इंतजार बेकार गया. अब 31 दिसंबर तक का समय मिलने से उम्मीद जगी है कि डॉ नुसरत अपना फैसला बदल सकती हैं.
हिजाब विवाद की छाया और नुसरत की दुविधा
यह सब कुछ हिजाब प्रकरण से शुरू हुआ, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सार्वजनिक समारोह में डॉ नुसरत का नकाब खींच दिया था. इस घटना ने बड़े स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया और डॉ नुसरत को गहरी चोट पहुंचाई. उनके भाई ने मीडिया से कहा कि वह बहुत आहत हैं और ज्वाइनिंग से इनकार कर रही हैं, लेकिन परिवार उन्हें मनाने की कोशिश कर रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अब तक डॉ नुसरत की ओर से कोई औपचारिक इनकार नहीं आया है, न ही कोई स्पष्ट इकरार. जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारी बताते हैं कि ज्वाइनिंग प्रक्रिया पूरी तरह तैयार है. इस बीच झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने भी उन्हें नौकरी का ऑफर दिया है, जिसने मामले को और पेचीदा बना दिया है. हालांकि, जेएमएम ने ऐसे किसी ऑफर से इनकार किया है.
नुसरत परवीन मामले की पूरी कहानी जानिए
बता दें कि बिहार में 15 दिसंबर 2025 को पटना में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूनानी चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन का नकाब (हिजाब) हटाने का इशारा करते हुए खींच दिया जिससे बड़ा विवाद खड़ा हो गया. बताया गया कि डॉ. नुसरत आहत हुईं और परिवार ने शुरू में ज्वाइनिंग से इनकार की बात कही।.ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2025 थी, लेकिन वे नहीं पहुंचीं. इसके बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी आयुष डॉक्टरों की ज्वाइनिंग तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी है. इसी बीच झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने उन्हें 3 लाख रुपये मासिक वेतन वाली नौकरी का ऑफर दिया है. फिलहाल, डॉ. नुसरत की ज्वाइनिंग पर अनिश्चितता बनी हुई है.
अधिकारियों की उम्मीद, आएंगी या जाएंगी?
बता दें कि पटना सदर के सिविल सर्जन कार्यालय में 20 दिसंबर को अधिकारी पूरे दिन तैयार बैठे रहे. ज्वाइनिंग प्रपत्र से लेकर सभी दस्तावेज तैयार थे, लेकिन डॉ नुसरत नहीं पहुंचीं. अब तिथि विस्तार के बाद अधिकारियों में आशावाद है. एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमें विश्वास है कि वह ज्वाइन करेंगी. यह उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है.” हालांकि, सोशल मीडिया पर विवाद जारी है, जहां कुछ लोग इसे धार्मिक असहिष्णुता से जोड़ रहे हैं. वहीं, कुछ लोग नियुक्ति की तिथि बढ़ाने के नीतीश सरकार के इस फैसले राजनीतिक दबाव में लिया गया बता रहे हैं, ताकि मामला और न बिगड़े.
एक नई शुरुआत करेंगी नुसरत परवीन ?
बहरहाल, डॉ नुसरत की ज्वाइनिंग न केवल उनके व्यक्तिगत करियर से जुड़ी है, बल्कि यह बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं और अल्पसंख्यक महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक भी बन सकती है. यदि वह ज्वाइन करती हैं तो यह विवाद के बाद एक सकारात्मक संदेश होगा. जानकारों की नजर में नुसरत का नौकरी ज्वाइन करने का फैसला इस बात का संकेत देगा कि वह अपनी पहचान, आत्मसम्मान और पेशेवर जिम्मेदारी- तीनों को अलग-अलग देखने वाली जेन जी श्रेणी में आती हैं. वहीं, इनकार की स्थिति में अन्य राज्यों के ऑफर उनके लिए विकल्प हो सकते हैं. फिलहाल, 31 दिसंबर तक का समय सभी की नजरें डॉ नुसरत पर टिकी हैं. क्या वह इंतजार खत्म करेंगी या मामला कोई नया ट्विस्ट लेगा?
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First Published :
December 21, 2025, 16:08 IST

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