Last Updated:December 07, 2025, 09:40 IST
NCERT History Book: एनसीईआरटी ने क्लास 7 की इतिहास की किताब में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. अब महमूद गजनवी पर सिर्फ 1 पैरा नहीं, बल्कि 6 पेज पढ़ाए जाएंगे.
NCERT History: एनसीईआरटी की नई किताब से नई चीजें सीखने को मिलेंगीनई दिल्ली (NCERT History Book). नए शैक्षणिक सत्र के लिए जारी कक्षा 7 की NCERT सोशल साइंस की किताब में महमूद गजनवी के आक्रमणों पर अब बड़ा और विस्तृत खंड शामिल किया गया है. पहले कक्षा 8 की पुरानी किताब में इस विषय पर केवल 1 पैराग्राफ हुआ करता था. उसमें ‘गजनवी के विनाश और लूटपाट’ के उल्लेख को ‘विदेशी हमलावर’ शब्द के साथ एक छोटे से बॉक्स में प्रेजेंट किया जाता था. हालांकि, नई किताब में शीर्षक ‘गजनवी आक्रमण’ के तहत पूरे 6 पेज का एक सेक्शन है.
इतिहासकार लंबे समय से ऐसे आक्रमणकारियों पर ध्यान देने से हिचकिचाते रहे हैं, लेकिन नया दृष्टिकोण अब इन घटनाओं का सामना और उनका एनालिसिस करना सिखाएगा. इससे समझने में मदद मिलेगी कि ये घटनाएं अतीत में कैसे घटीं और भविष्य में उन्हें रोकने में कैसे मदद मिल सकती है. किताब का यह खंड इन आक्रमणों के क्रूर, हिंसक और लूटपाट वाले स्वरूप को खुलकर स्वीकार करता है, जिसमें हजारों भारतीय नागरिकों के वध और कैदियों की बिक्री का उल्लेख है.
एनसीईआरटी ने क्यों बदला इतिहास का सिलेबस?
एनसीईआरटी के इस कदम से ऐतिहासिक तथ्यों को ज्यादा सटीकता से पेश किया जा सकेगा. NCERT के पुराने एडिशन में शासकों की शक्ति और धन का प्रदर्शन करने वाले बड़े मंदिरों के निर्माण पर जोर दिया जाता था. लेकिन महमूद गजनवी के इन मंदिरों को लूटने और लक्षित करने पर कम ध्यान दिया जाता था. नई किताब उन इतिहासकारों का अप्रोच भी शामिल करती है, जो मानते थे कि मंदिरों को सार्वजनिक चंदे से बनाने के कारण उन्हें नष्ट कर दिया गया था. इसमें अल-बिरूनी के उद्धरण भी शामिल हैं, जो सोमनाथ के मंदिर में शिवलिंग के टूटने और मूर्तियों के टुकड़े कर दिए जाने का उल्लेख करते हैं.
NCERT किताब में आक्रमणों का क्रूर चरित्र
कक्षा 7 की नई एनसीईआरटी किताब में ‘गजनवी आक्रमण’ खंड में बताया गया है कि महमूद गजनवी के अभियान में हजारों भारतीय नागरिकों का वध शामिल था. इनमें से कई लोगों को बंदी बना लिया गया और उन्हें मध्य एशिया के बाजारों में बेचा गया. किताब में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस तरह के काम न केवल क्रूर और निर्दयी थे, बल्कि धार्मिक उद्देश्य से भी प्रेरित थे, जिसका उद्देश्य गैर-मुस्लिमों (इन्फिडेल) को मारना या गुलाम बनाना था.
सोमनाथ और मथुरा का उल्लेख
एनसीईआरटी क्लास 7 इतिहास के सिलेबस में गजनवी के 17 आक्रमणों को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है. इसमें विशेष रूप से मथुरा में मंदिरों और कन्नौज में राजाओं की मूर्तियों के विनाश का उल्लेख है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण विवरण सोमनाथ, गुजरात पर हुए हमले का है. यह खंड डॉ. राजेंद्र प्रसाद के एक बयान का भी उल्लेख करता है, जब उन्होंने 1950 में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण को हरी झंडी दी थी, जहां मूर्तियों के टुकड़े जानबूझकर मस्जिद के दरवाजों पर लगाए गए थे.
चोल साम्राज्य और बख्तियार खिलजी
एनसीईआरटी क्लास 7 इतिहास की किताब में यह नया अध्याय चोल साम्राज्य के नौसेना विस्तार और बख्तियार खिलजी के सैन्य अभियानों जैसे विषयों के साथ-साथ चलता है, जिन्होंने नालंदा और विक्रमशिला जैसे बड़े विश्वविद्यालयों को नष्ट कर दिया था. किताब में यह भी उल्लेख है कि चोलों ने भारत के दक्षिणी हिस्सों में आक्रमणकारियों के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा, जो उत्तरी भारत के विपरीत एक बिल्कुल अलग कहानी प्रस्तुत करता है.
मुख्य बदलाव का सार
पेज संख्या: गजनवी आक्रमण पर अब 6 पृष्ठों का समर्पित खंड.
शीर्षक: पहले केवल एक पैराग्राफ, अब ‘गजनवी आक्रमण’ शीर्षक के तहत.
फोकस: अब आक्रमणों के क्रूरता, लूटपाट और धार्मिक प्रेरणा पर अधिक जोर.
उल्लेख: सोमनाथ और मथुरा के विनाश का विस्तृत वर्णन शामिल.
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With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
First Published :
December 07, 2025, 09:40 IST

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