Last Updated:December 13, 2025, 12:14 IST
Rakesh Maria IPS: महाराष्ट्र पुलिस विभाग में उच्च पदों पर काम कर चुके आईपीएस राकेश मारिया एक बार फिर चर्चा में हैं. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में 32 साल पुराने कई किस्सों की कहानी सुनाई. एक दौर में अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोग भी राकेश मारिया के नाम से कांपते थे.
Rakesh Maria IPS: आईपीएस राकेश मारिया ने कई हाई-प्रोफाइल केस सुलझाएनई दिल्ली (Rakesh Maria IPS). यह कहानी उस आईपीएस अधिकारी की है, जिसे मुंबई की तस्वीर बदलने का श्रेय दिया जाता है. एक दौर में मुंबई खून से सनी थी, उस पर अंडरवर्ल्ड का खतरनाक साया था. बॉलीवुड तक उसी की धमक में जी रहा था. फिर राकेश मारिया नामक पुलिस अधिकारी ने कमान संभाली और मुंबई की तस्वीर बदल दी. उन्होंने 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों की जांच की, 26/11 हमलों की गुत्थी सुलझाई.. राकेश मारिया को महाराष्ट्र का सुपरकॉप कहा जाता है.
राकेश मारिया भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सबसे प्रतिष्ठित और निडर अधिकारियों में से एक रहे हैं. उन्होंने मुंबई की पुलिसिंग में अपनी अमिट छाप छोड़ी है. वह महाराष्ट्र कैडर के 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्होंने अपने 36 साल के करियर में कई हाई-प्रोफाइल और संवेदनशील मामलों की जांच की. उनकी गिनती उन गिने-चुने ‘सुपरकॉप्स’ में होती है, जिन्होंने मुंबई को दहलाने वाले 1993 के सीरियल बम धमाकों और 2008 के 26/11 आतंकवादी हमले जैसे जटिल मामलों की गुत्थियों को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई.
राकेश मारिया चर्चा में क्यों हैं?
आईपीएस राकेश मारिया की पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के अकोला जिले में बतौर सहायक पुलिस अधीक्षक हुई थी. उन्होंने अपने करियर के दौरान मुंबई के पुलिस आयुक्त (कमिश्नर) जैसे शीर्ष पद पर भी काम किया. वह होम गार्ड्स के महानिदेशक के रूप में 2017 में रिटायर हुए थे. मारिया का नाम उनकी निडरता, सीधेपन और कठिन से कठिन मामलों को जल्द सुलझाने की उनकी क्षमता के लिए हमेशा चर्चा में रहा है. इन दिनों वह अपने इंटरव्यू और ऑटोबायोग्राफी ‘लेट मी से इट नाउ’ (Let Me Say It Now) को लेकर सुर्खियों में हैं.
मुंबई को दी नई पहचान
राकेश मारिया बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के साथ 1993 के मुंबई बम धमाकों से जुड़े एक विवादास्पद वाकये के खुलासे के कारण चर्चा में रहे हैं. उनकी कार्यशैली और जांच के तरीके अक्सर चर्चा का विषय बने रहे हैं. उन्हें अपनी 13 साल की सेवा के बाद ही ‘पुलिस मेडल’ से सम्मानित किया गया था, जबकि यह मेडल आमतौर पर 15 साल की सेवा के बाद दिया जाता है. इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट में ‘फिक्सिंग’ शब्द का पहली बार भंडाफोड़ भी उन्होंने ही किया था. राकेश मारिया ने अपने जुनून के दम पर पुलिस सेवा में हीरो जैसी छवि बनाई.
दोस्त के घर रहकर की थी तैयारी
राकेश मारिया 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. मुंबई में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं हो पाने के कारण उन्होंने दिल्ली में अपने दोस्त के घर रहकर तैयारी की थी. उन्हें शुरू से ही पुलिस अधिकारी बनने का जुनून था, यही कारण था कि उन्होंने यूपीएससी फॉर्म में 5 बार आईपीएस का ही विकल्प भरा था, जैसा कि उन्होंने एक इंटरव्यू में भी स्वीकार किया था. उनकी यूपीएससी रैंक के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा के लिए हुआ था.
एयरपोर्ट से किया था संजय दत्त को गिरफ्तार
संजय दत्त का नाम 1993 के मुंबई बम धमाकों की जांच के दौरान सामने आया था. राकेश मारिया इस केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर थे. राकेश मारिया के अनुसार, मुंबई के एक रेस्तरां मालिक हनीफ कडावाला और आईएमपीपीए के तत्कालीन चेयरमैन समीर हिंगोरा ने पूछताछ के दौरान संजय दत्त का नाम लिया था. तब संजय दत्त पर अवैध हथियार रखने का आरोप लगा था. संजय दत्त मॉरिशस से शूटिंग करके लौटे तो उन्हें एयरपोर्ट से सीधे मुंबई क्राइम ब्रांच ले जाया गया और पूछताछ के लिए एक गुप्त कमरे में रखा गया.
एक्टर के जड़ दिया था थप्पड़
मारिया ने अपनी आत्मकथा और इंटरव्यू में दावा किया कि शुरुआती पूछताछ के दौरान संजय दत्त लगातार अपनी बेगुनाही दोहरा रहे थे. तनाव में आकर मारिया ने उन्हें थप्पड़ मारा और उनके बाल पकड़कर घसीटा. इसके बाद संजय दत्त टूट गए और उन्होंने अवैध हथियार रखने की बात कबूल कर ली. राकेश मारिया ने यह भी बताया कि जब सुनील दत्त उनसे मिलने आए तो संजय दत्त उनके पैरों पर गिर गए और रोते हुए बोले- पापा, गलती हो गई, अवैध हथियार रखने के मामले में संजय दत्त को बाद में जेल भी हुई थी.
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With more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academic sys...और पढ़ें
First Published :
December 13, 2025, 12:14 IST

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