Last Updated:December 17, 2025, 17:19 IST
Parliament Winter Session: संसद में बुधवार को एक दिलचस्प नजारा दिखा. चिराग पासवान, प्रियंका चतुर्वेदी और दीपेंद्र हुड्डा की एक ही मोबाइल में झांकते हुए फोटो आई. उधर, संसद ने 71 पुराने कानूनों को खत्म करने वाले बिल पर मुहर लगाई. संसद के बाहर कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड केस में राहत मिलने पर पीएम से माफी की मांग की.
तीन सांसद और एक मोबाइल (Photo : PTI)नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को एक बेहद दिलचस्प तस्वीर सामने आई. सियासत में भले ही तलवारें खिंची हों, लेकिन एक मोबाइल स्क्रीन ने पक्ष और विपक्ष को साथ ला दिया. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा और शिवसेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी एक ही फ्रेम में कैद हुए. तीनों नेताओं की नजरें एक मोबाइल फोन पर टिकी थीं. तस्वीर देखने वाला यही पूछ रहा है कि आखिर उस मोबाइल में ऐसा क्या था जिसे देखने के लिए विरोधी भी साथ आ गए. यह नजारा तब दिखा जब संसद के अंदर और बाहर सियासी पारा सातवें आसमान पर था. एक तरफ ईडी की चार्जशीट खारिज होने पर कांग्रेस का हल्ला बोल था तो दूसरी तरफ मोदी सरकार ने पुराने कानूनों पर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की.
टकराए, हाथ मिलाया और फिर मोबाइल में खो गए… क्या चल रहा था वहां?
बुधवार को संसद परिसर में एक अजीब संयोग बना. दीपेंद्र हुड्डा और चिराग पासवान चलते-चलते एक-दूसरे से टकरा गए. दोनों ने रुककर गर्मजोशी से हाथ मिलाया. तभी वहां प्रियंका चतुर्वेदी भी पहुंच गईं. हुड्डा ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला और प्रियंका को कुछ दिखाने लगे. चिराग पासवान भी वहीं खड़े थे. उनकी नजरें भी उसी स्क्रीन पर टिक गईं. प्रियंका चतुर्वेदी मोबाइल में कुछ नेविगेट या स्क्रॉल करती दिखीं. पीटीआई की तस्वीरों में तीनों नेता मोबाइल में गहराई से झांकते नजर आए. यह ‘कैंडिड मोमेंट’ कैमरों में कैद हो गया. सियासी दुश्मनी भूलकर तीनों नेताओं की यह केमिस्ट्री चर्चा का विषय बन गई है.
दीपेंद्र के मोबाइल में झांकते प्रियंका और चिराग. पीछे राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति भी नजर आ रही हैं. (PTI Photo)
गुलामी की जंजीरें तोड़ीं: मोदी सरकार ने रद्दी में डाल दिए 71 पुराने कानून
मोबाइल वाली वायरल फोटो से इतर सदन के भीतर बड़ा काम हुआ. संसद ने ‘निरसन और संशोधन विधेयक, 2025’ को मंजूरी दे दी. इसके तहत 71 पुराने और बेकार हो चुके कानूनों को खत्म या संशोधित किया जाएगा. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह गुलामी के अंश मिटाने की कवायद है. 2014 से अब तक मोदी सरकार 1,577 बेकार कानूनों को खत्म कर चुकी है. अब कानूनों में ‘रजिस्टर्ड पोस्ट’ की जगह ‘स्पीड पोस्ट’ शब्द लिखा जाएगा. मेघवाल ने साफ कहा कि मोदी राज में भेदभाव वाले कानून किताबों में नहीं रह सकते.
हिंदू-मुस्लिम भेदभाव खत्म: वसीयत के कानून पर सरकार का बड़ा प्रहार
कानून मंत्री ने 1925 के भारतीय उत्तराधिकार कानून को औपनिवेशिक बताया. उन्होंने कहा कि इसमें धर्म के आधार पर भेदभाव था. कलकत्ता, मद्रास और बंबई प्रेसिडेंसी में हिंदुओं, सिखों, जैनियों और बौद्धों को वसीयत के लिए ‘प्रोबेट’ यानी प्रशासन पत्र लेना पड़ता था. जबकि मुस्लिमों को यह काम करने पर प्रोबेट नहीं लेना होता था. सरकार ने इस भेदभावपूर्ण प्रावधान को हटा दिया है. इसके अलावा आपदा प्रबंधन कानून में भी सुधार किया गया है. वहां गलती से ‘प्रिवेंशन’ शब्द था जिसे अब ‘प्रेपरेशन’ किया जा रहा है.
मोदी माफी मांगो: सोनिया-राहुल को राहत मिलते ही कांग्रेस का आक्रामक प्रदर्शन
सदन के बाहर कांग्रेस का गुस्सा फूट पड़ा. दिल्ली की अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की चार्जशीट लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद कांग्रेस सांसदों ने मकर द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया. हाथ में ‘सत्यमेव जयते’ का बड़ा बैनर लेकर सांसदों ने पीएम मोदी से माफी और इस्तीफे की मांग की. उन्होंने जमकर नारे लगाए. कोर्ट ने कहा कि ईडी का आरोप एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है. यह किसी एफआईआर पर नहीं है. कांग्रेस ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है. इसी हंगामे के बीच संसद में पक्ष-विपक्ष के नेताओं की वह मुस्कुराती तस्वीर वायरल हो गई.
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दीपक वर्मा (Deepak Verma) एक पत्रकार हैं जो मुख्य रूप से विज्ञान, राजनीति, भारत के आंतरिक घटनाक्रमों और समसामयिक विषयों से जुडी विस्तृत रिपोर्ट्स लिखते हैं. वह News18 हिंदी के डिजिटल न्यूजरूम में डिप्टी न्यूज़...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 17, 2025, 17:13 IST

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