Last Updated:December 17, 2025, 16:48 IST
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे बड़े ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम का पर्दाफाश किया है, जिसका संचालन चीन में बैठा एक मास्टरमाइंड कर रहा था. बिहार के बेगूसराय का रहने वाला एक शख्स इस सिंडिकेट का अहम सदस्य था, जिसने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से 47 लाख रुपये की ठगी की थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब तक कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से मिले दस्तावेज देशभर में दर्ज 1167 शिकायतों से जुड़े हैं.
दिल्ली के सीए के साथ 47 लाख रुपये का साइबर ठगीनई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने एक हाई-प्रोफाइल ऑनलाइन साइबर ठगी मामले में 8 शख्स को गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि गिरफ्तार शख्स में से एक शख्स जैक उर्फ आशीष कुमार बिहार के बेगूसराय जिले का रहने वाला है. इस शख्स औऱ उसके साथियों ने दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से 47 लाख रुपये ठग लिए. दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने नोएडा में एक फर्जी ऑफिस खोल रखा था, जहां से ये लोग ठगने का काम करते थे. हैंडलर जैक उर्फ आशीष कुमार को सीधे चीन में बैठा ‘टॉम’ निर्देश देता था. बता दें कि टॉम इन आरोपियों को हर ट्रांजैक्शन पर 1-1.5 फीसदी कमीशन का लालच दिया था.
दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने टेलीग्राम ग्रुप के जरिए स्टॉक ट्रेडिंग स्कीम में 47 लाख रुपये से ज्यादा पैसा लगाया. साइबर ठगों ने इस चार्टर्ड अकाउटेंट को ‘आज खरीदें-कल बेचें’ और आईपीओ रेटिंग के नाम पर रोजाना मुनाफे का झांसा दिया . उन्हें दो महीने में https://stock.durocaspitall.com नामक फर्जी वेबसाइट के जरिए ₹47,23,015 निवेश करने के लिए बहकाया गया. भुगतान IMPS/NEFT/UPI के जरिए कई निजी बैंक खातों में किए गए. लेकिन जब पीड़ित ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो आरोपियों ने डर दिखाकर और पैसे वसूल लिए.
नोएडा में ऑफिस और चीन से कनेक्शन
दिल्ली पुलिस के जांच में पता चला कि ठगी की रकम ₹31,45,000 हर्शिता फर्नीचर्स एंड इंटीरियर्स के नाम से खुले करंट अकाउंट में जमा हुई. इसमें से ₹23,80,000 (31.45 लाख में से) बुबाई इंस्टेंट शॉप ओपीसी प्रा. लि. के खाते में ट्रांसफर हुई. इस फर्म के प्रोपराइटर साहिल यादव थे और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आर्यन के नाम पर था, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. यह बैंक खाता फर्जी संस्था के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
सात बैंकों में अकाउंट
आरोपियों ने सात अलग-अलग बैंकों इंडसइंड, एचडीएफसी, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट, एयू स्मॉल फाइनेंस, बंधन और इक्विटास बैंक में करंट अकाउंट खोलकर ठगी की रकम इधर-उधर की. जांच में इस फर्म के खाते से जुड़े 131 एनसीआरपी शिकायतें भी सामने आईं.
दिल्ली पुलिस ने सिंडिकेट को लेकर क्या कहा
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी नोएडा में ऑफिस चलाकर मासूम निवेशकों को फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग स्कीम में फंसा रहे थे. ये लोग अपने हैंडलर जैक को रिपोर्ट करते थे, जिसे चीन में बैठे टॉम से निर्देश मिलते थे. जैक की पहचान आगे चलकर आशीष कुमार उर्फ जैक के रूप में हुई. पूछताछ में आरोपी आशीष कुमार उर्फ जैक जो बेगूसराय बिहार का रहने वाला है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अबतक मंजीत सिंह, मंशवी डोचक, सोमबीर, मनीष मेहरा और अतुल शर्मा को गरिफ्तार किया है. सभी गिरफ्तार शख्स हरियाणा के रहने वाले हैं.
पूछताछ में क्या खुलासे हुए
दिल्ली पुलिस के पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी अपनी पहचान छुपाने और पकड़ से बचने के लिए फर्जी सिम कार्ड और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्हें दिसंबर 2024 में चीनी नागरिक टॉम ने टेलीग्राम के जरिए भर्ती किया था. टॉम ने हर ट्रांजेक्शन पर 1-1.5% कमीशन देने का वादा किया था, जिसके लिए उन्होंने बुबाई इंस्टेंट शॉप ओपीसी प्रा. लि. बनाई, नोएडा में ऑफिस किराए पर लिया और एक ही नाम से कई बैंक खाते खोले.
इन 14 फर्जी निवेश और ट्रेडिंग एप्लिकेशन को तुरंत ही अपने मोबाइल से हटा दें. दिल्ली पुलिस की पूछताछ में इन एप्स का नाम सामने आए हैं.
1. EXVENTOR
2. PAYINDIA
3. FXROAD
4. QUANTA
5. LANTAVA
6. QUANTRO
7. BORIS
8. SEVEXA
9. INDIA CORPORATE
10. CAPPLACE
11. TRADEGRIP
12. EZINVEST
13. INDUX
14. INDEXFLUX
About the Author
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
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First Published :
December 17, 2025, 16:48 IST

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