Last Updated:December 17, 2025, 16:11 IST
Indian Navy MH-60Reo Helicopters: भारतीय नौसेना ने गोवा में अपनी दूसरी एमएच-60आर हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन ‘ओस्प्रे’ कमीशन की है. नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी में यह तैनाती हुई. अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर्स से लैस यह स्क्वाड्रन समंदर में दुश्मनों और पनडुब्बियों पर बाज जैसी नजर रखेगी.
गोवा के आईएनएस हंसा में एमएच-60आर स्क्वाड्रन आईएनएएस-335 ‘ओस्प्रेयस’ कमीशंड. (Photo : Indian Navy)गोवा: भारतीय नौसेना की ताकत में आज भारी इजाफा हुआ है. समंदर में दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए एक नई शक्ति आ गई है. गोवा के आईएनएस हंसा में नेवी ने अपनी दूसरी एमएच-60आर हेलिकॉप्टर स्क्वाड्रन को कमीशन किया है. इसका नाम आईएनएएस-335 ‘ओस्प्रे’ रखा गया है. इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी खुद मौजूद रहे. यह स्क्वाड्रन नेवी की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी. हिंद महासागर में बढ़ती चुनौतियों के बीच यह कदम बहुत अहम माना जा रहा है. अब पानी के ऊपर हो या नीचे, दुश्मन बच नहीं पाएगा. इन हेलिकॉप्टर्स को दुनिया के सबसे बेहतरीन हेलिकॉप्टर्स में गिना जाता है. ये किसी भी मौसम में और किसी भी हालात में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम हैं.
हवा में उड़ता ये ‘काल’ कैसे करेगा दुश्मन का शिकार? क्या हैं इसकी खूबियां?
एमएच-60आर हेलिकॉप्टर को नेवी के लिए एक गेम चेंजर माना जा रहा है. यह हेलिकॉप्टर उन्नत हथियारों से लैस है. इसमें लगे सेंसर्स और एवियोनिक्स सिस्टम इसे बेहद खतरनाक बनाते हैं. यह सिर्फ एक हेलिकॉप्टर नहीं है बल्कि एक उड़ता हुआ किला है. यह पारंपरिक खतरों से निपटने में तो माहिर है ही. साथ ही यह असममित यानी छिपे हुए खतरों को भी खोज निकालने में सक्षम है. चाहे दुश्मन की पनडुब्बी हो या कोई और खतरा. यह उसे ढूंढकर खत्म कर सकता है. यह बहुउद्देशीय है. यानी इसका इस्तेमाल कई तरह के मिशन में किया जा सकता है. इसकी टेक्नोलॉजी इसे बाकी हेलिकॉप्टर्स से अलग बनाती है. इसे एक सक्षम संसाधन माना जाता है.नेवी चीफ ने क्या कहा? समंदर में कैसे बढ़ेगी भारत की निगरानी?
आईएनएएस-335 ‘ओस्प्रे’ का कमीशन होना नेवी के आधुनिकीकरण का सबूत है. नौसेना लगातार अपनी क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रही है. यह हेलिकॉप्टर भारतीय नौसेना के ऑपरेशन्स में पूरी तरह से इंटीग्रेट हो चुका है. इसने कई मौकों पर अपनी काबिलियत साबित भी की है. अब इस नई स्क्वाड्रन के आने से नेवी की एविएशन ताकत को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा. समंदर की निगरानी अब और भी आसान हो जाएगी. नेवी चीफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की मौजूदगी बताती है कि यह इवेंट कितना बड़ा है. भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा अब और भी चाक-चौबंद हो गई है.
भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत में बड़ा इजाफा (Photo : Indian Navy)
चीन-पाकिस्तान के लिए क्यों खतरे की घंटी है ये ‘ओस्प्रे’?
हिंद महासागर क्षेत्र में हाल के दिनों में हलचल बढ़ी है. ऐसे में भारत को अपनी निगरानी क्षमता बढ़ानी थी. एमएच-60आर जैसे हेलिकॉप्टर्स का बेड़े में शामिल होना रणनीतिक तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है. यह स्क्वाड्रन दुश्मन की किसी भी चाल को पहले ही भांप लेगी. यह स्क्वाड्रन सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में भी मदद करेगी.
एंटी-सबमरीन वारफेयर में इसका कोई तोड़ नहीं है. नेवी की यह तैयारी बताती है कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा. यह स्क्वाड्रन अब 24 घंटे समंदर पर बाज जैसी नजर रखेगी. नेवी का यह कदम दुश्मनों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है.
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दीपक वर्मा (Deepak Verma) एक पत्रकार हैं जो मुख्य रूप से विज्ञान, राजनीति, भारत के आंतरिक घटनाक्रमों और समसामयिक विषयों से जुडी विस्तृत रिपोर्ट्स लिखते हैं. वह News18 हिंदी के डिजिटल न्यूजरूम में डिप्टी न्यूज़...और पढ़ें
First Published :
December 17, 2025, 16:09 IST

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