Last Updated:December 19, 2025, 05:57 IST
नया वीबी जी राम जी विधेयक मनरेगा की जगह लेगा.VB G RAM G Bill Gets Parliament Nod: संसद ने गुरुवार को विपक्ष के तीव्र विरोध और हंगामे के बीच विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी राम जी ) बिल पारित कर दिया. यह बिल 20 साल पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल 125 दिनों की रोजगार की गारंटी देगा. राज्यसभा ने बिल को ध्वनि मत से पास किया. गुरुवार को ही दिन में लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दी थी. विपक्ष ने बिल के पारित होने के दौरान जोरदार हंगामा किया.
विपक्ष का कहना है कि मौजूदा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाकर सरकार उनकी स्मृति का अपमान कर रही है और राज्यों पर वित्तीय बोझ डाल रही है.राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने बिल वापस लेने की मांग की और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. कई सदस्यों ने बिल की प्रतियां फाड़ दीं, जिस पर सभापति सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें ट्रेजरी बेंच की ओर न जाने की चेतावनी दी. हंगामे के बाद विपक्षी सदस्यों ने वॉकआउट किया और संसद परिसर में संविधान सदन के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संविधान सदन की सीढ़ियों पर 12 घंटे का धरना देने का फैसला किया. विपक्ष ने बिल को संसदीय समिति के पास भेजने की भी मांग की थी. राज्यसभा में पांच घंटे की चर्चा के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल का जोरदार बचाव किया. उन्होंने कहा कि यह बिल ग्रामीण भारत के विकास और रोजगार अवसरों के लिए जरूरी है. चौहान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने महात्मा गांधी के आदर्शों की कई बार हत्या की और उनके नाम का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया. मंत्री ने कहा कि यूपीए शासन में मनरेगा भ्रष्टाचार से ग्रस्त थी और सामग्री खरीद पर अपेक्षित धन खर्च नहीं हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना विकसित भारत बनाने का है, जिसमें गांवों का विकास अहम है. उन्होंने विपक्ष के हंगामे को लोकतंत्र का अपमान करार दिया और कहा कि सदन दादागिरी से नहीं चलेगा. चौहान ने दावा किया कि भाजपा ने गांधीजी को अपना आदर्श बनाया है और उनकी सामाजिक-आर्थिक विचारधारा को अपनाया है.
लोकसभा में भी आठ घंटे की चर्चा के दौरान विपक्ष ने कागज फाड़े और नारे लगाए. चौहान ने कहा कि मनरेगा अब पुरानी हो चुकी है और अब स्थायी संपत्तियां बनाने, जल संरक्षण, ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और मौसम संबंधी कार्यों पर 10-11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है.
अब यह बिल राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सरकार इसे नोटिफाई करेगी और यह कानून बन जाएगा. बताया जा रहा है कि सरकार फरवरी में बजट सत्र से पहले इसे कानूनी शक्ल देना चाहती थी ताकि नए बजट में इस मद में धन राशि आवंटित की जा सके.
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न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
First Published :
December 19, 2025, 05:57 IST

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