Last Updated:December 22, 2025, 11:34 IST
Coolie Railway Station: भारत साल दर साल विकास की नई गाथा लिख रहा है. ट्रांसपोर्ट सिस्टम से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर में अभूतपूर्व प्रगति हुई है. रेलवे स्टेशन अब एयरपोर्ट की तर्ज परि विकसित हो रहे हैं, जबकि हवाई अड्डों पर सुविधाओं को और विस्तार दिया जा रहा है. विकास की इस यात्रा में कुछ तबका पीछे भी छूट रहा है. उन्हीं में से एक है कुली. आजकल रेलवे स्टेशनों पर सुविधाओं का इस हद तक विस्तार हुआ कि रेलवे पैसेंजर्स का यह हमसफर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.

Coolie Railway Station: पहले कुली को सभी याद करते थे, पर अब हालात बदल गए हैं. कुलियों का कहना है कि पहले उन लोगों के पास फुर्सत नहीं रहती थी कि वे बैठ सकें. दिन में अच्छी कमाई भी हो जाती थी. अब तो पेट पालने का संकट आ गया है. कमाई खत्म हो गई है. इसकी वजह है - रेलवे स्टेशनों पर अत्याधुनिक सुविधाओं की बढ़ोतरी. (रॉयटर्स)

Coolie Railway Station: रेलवे स्टेशनों पर स्वचालित सीढ़ियां यानी एस्क्लेटर बना दी गई हैं. लिफ्ट है. सबसे बड़ी बात अब ट्रॉली बैग का प्रचलन बढ़ गया है. ट्रेनों से सफर करने वाले यात्री अब ट्रॉली बैग का धड़ल्ले से इस्तेमाल करने लगे हैं. आपको मालूम हो कि ट्रॉली बैग में पहिए लगे होते हैं. लोग अब इसे खुद से ही लुढ़काते हुए सामान लेकर चले जाते हैं. कुलियों को कोई याद नहीं करता है. (रॉयटर्स)

Coolie Railway Station: सुविधाओं में विस्तार की वजह से कुलियों को अब कोई याद नहीं करता है. अब ये कुली इस आस में हैं कि रोजगार न सही, उनके लिए सरकार कुछ करेगी और रोजी-रोटी की व्यवस्था हो जाएगी. बदलते दौर में सबकुछ अत्याधुनिक हो रहा है. ऐसे में जहां इसका फायदा है तो दूसरी ओर नुकसान भी है. खासकर छोटे शहरों और कस्बाई स्टेशनों पर तो कुलियों की कमाई अब खत्म सी हो गई है. शायद कोई नया इस काम से अब जुड़ना भी चाहे. (रॉयटर्स)
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Coolie Railway Station: लोगों का बोझा ढोने वाले इन कुलियों का कहना है कि जबसे स्टेशन पर स्वचलित सीढ़ी, लिफ्ट और अटैची व बैग में पहिये आने लगे, तबसे कमाई खत्म हो गई. अब तो गेट के पास तक गाड़ियां आ रही हैं. पैसेंजर्स ट्रॉली बैग लेकर उतरते हैं और फिर चलते बनते हैं. कुली रहकर बस मुंह ही देखते रह जाते हैं. (रॉयटर्स)

Coolie Railway Station: कुछ कुलियों का कहना है कि 100 से 50 रुपये मिल जाता है और इस तरह बस खुद के खाने का इंतजाम हो रहा है. परिवार की परवरिश भी नहीं हो पा रही है. इस वजह से उदासी छाई रहती है. कुलियों की सरकार से यही मांग कि जो जवान है, उनको ग्रुप डी की नौकरी दी जाए और बुजुगों को पेंशन की सुविधा दी जाए. (रॉयटर्स)

Coolie Railway Station: कुलियों का कहना है कि अब ट्रॉली बैग आ गया. अन्य सुविधाएं हो गई, ऐसे में हम लोगों को पूछने वाला कोई नहीं है. लोग अब उनसे बस ट्रेन और शौचालय के बारे में पूछते हैं. स्टेशन पर आधुनिक व्यवस्था हो गई है और महंगाई भी बढ़ गई है. इसलिए अब कुलियों को कोई याद नहीं करता है. उनको उपेक्षित कर दिया गया है. सबका बोझ उठाने वाले कुलियों का कहना है कि सरकार सबकुछ जान रही है, लेकिन ध्यान नहीं दे रही है. अगर ध्यान दे देगी तो काम हो जाएगा. (पीटीआई)
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