Who was Sharif Usman Hadi: बांग्लादेश में इंकलाब मंच के प्रवक्ता और 'जुलाई विद्रोह' के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में एक बार फिर अशांति फैल गई है. बता दें, 32 वर्षीय हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान 3 हमलावरों ने गोली मारी थी. गंभीर रूप से घायल हादी को तुरंत सिंगापुर में उपचार के लिए भेजा गया था, जहां 6 दिनों तक जीवन और मौत की जंग लड़ने करने के बाद 19 दिसंबर को उनकी मौत हो गई. हादी की हत्या के बाद से बांग्लादेश के कई हिस्सों में प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं और कुछ स्थानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुई हैं.
लगे भारत विरोधी नारे
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भारतीय सहायक उच्चायोग के आसपास पत्थरबाजी के दृश्य दिखाई दिए हैं. इस बीच, बुधवार को ढाका में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने भारत के उप-उच्चायुक्त के आवास सहित भारतीय राजनयिक परिसरों के बाहर एकत्र होने की भी कोशिश की. हालात बिगड़ते देख पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
प्रदर्शन के दौरान भारत विरोधी नारे भी लगाए गए. इन प्रदर्शनों में नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) से संबद्ध संगठन ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (SAD) के कार्यकर्ता भी शामिल थे. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि शरीफ उस्मान हादी पर हमला करने वाले आरोपी भारत फरार हो गए हैं. एनसीपी नेता सरजिस आलम ने इस दौरान कहा कि जब तक भारत हादी भाई के हत्यारों को वापस नहीं करता तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को बंद रखा जाना चाहिए.
जानें कौन हैं शरीफ उस्मान हादी
शरीफ उस्मान हादी का जन्म बांग्लादेश के झलकाठी जिले में हुआ था. हादी ने अपनी शुरूआती शिक्षा नेसराबाद कामिल मदरसा से ली थी जिसके बाद हादी ने ढाका विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में डिग्री हासिल की थी. बांग्लादेश के युवाओं के बीच उनकी खासी पहचान बनी थी विशेष रूप से उनके द्वारा बांग्लादेशी आर्मी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के खिलाफ उठाए गए सवालों के कारण. बता दें, हादी को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हिंसक आंदोलन को बढ़ावा देने वाले नेता के रूप में जाना जाता था.
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जुलाई में हुए 'जुलाई विद्रोह' में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया था और उन्होंने इसके बाद 'इंकलाब मंच' की नींव रखी थी. यह मंच एक वैकल्पिक राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरा जो सत्ता के खिलाफ संघर्ष कर रहा था. हादी का लक्ष्य था कि वह 2026 के आम चुनाव में ढाका-8 निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करें. चुनावी अभियान के दौरान उनकी हत्या ने बांग्लादेश की राजनीति को एक गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया है और उनके समर्थकों में गहरा आक्रोश है. इस बीच, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी के निधन के मद्देनजर 20 दिसंबर, 2025 को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दिया है.

14 hours ago
