15 करोड़ की किताब देखने के लिए पटना बुक फेयर पहुंचिये, दुनिया में केवल 3 कॉपी

7 hours ago

Last Updated:December 13, 2025, 07:31 IST

Patna Book Fair : पटना किताब मेले में इन दिनों एक ऐसी रहस्यमयी किताब तहलका मचाए हुए है जिसकी कीमत सुनकर लोग हैरान हैं और दावे सुनकर हैरत में पड़ जा रहे हैं. बिहार के लेखक रत्नेश्वर सिंह की यह किताब सिर्फ अपने दाम या दावों के कारण ही चर्चा में नहीं, बल्कि इसलिए भी है कि इसे देखने दिया जाता है पर खोलने नहीं.

15 करोड़ की किताब देखने के लिए पटना बुक फेयर पहुंचिये, दुनिया में केवल 3 कॉपीपटना पुस्तक मेले में 15 करोड़ की किताब "मैं" बनी आकर्षण का केंद्र

पटना. बिहार की राजधानी पटना के पुस्तक मेले में इन दिनों एक ऐसी किताब सुर्खियों में है जिसकी कीमत सुनकर हर कोई दंग रह जा रहा है. कीमत है पूरे 15 करोड़ रुपये! दावा किया जा रहा है कि दुनिया में इस किताब की महज़ तीन प्रतियां ही मौजूद हैं. किताब का नाम है “मैं” और इसके लेखक हैं बिहार के लखीसराय निवासी रत्नेश्वर सिंह. रत्नेश्वर सिंह का दावा है कि 408 पन्नों का यह ग्रंथ उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त में मात्र 3 घंटे 24 मिनट में एक बार में लिख डाला. उनका कहना है कि यह कोई सामान्य रचना नहीं बल्कि वह “परम ज्ञान” की अनुभूति है जिसने उन्हें ब्रह्मलोक की यात्रा के दौरान शब्दों में उतरने को प्रेरित किया. दुनिया में केवल तीन प्रतियां होने और कीमत स्वयं “ब्रह्म” द्वारा निर्धारित किए जाने का दावा इसे और रहस्यमय बनाता है.

3 घंटे 24 मिनट में ब्रह्म मुहूर्त में लिखा ‘ग्रंथ’

लेखक रत्नेश्वर सिंह इसे सामान्य किताब नहीं, बल्कि “ग्रंथ” कहते हैं. उनका कहना है कि लिखते वक्त उन्हें आध्यात्मिक अनुभव हुआ, ब्रह्मलोक की यात्रा हुई और वहीं से यह ज्ञान शब्दों में उतरा. रत्नेश्वर सिंह ने इसे दुनिया का पहला ऐसा ग्रंथ बताया है जिसमें “ज्ञान की परम अवस्था” को विस्तार से समझाया गया है. वे कहते हैं कि जिस अवस्था को पाने के बाद भगवान बुद्ध को “ज्ञान प्राप्ति” हुई थी, उसी परम ज्ञान की स्थिति को इस ग्रंथ में पहली बार स्पष्ट किया गया है. किताब दुखों के अंत और ईश्वर दर्शन का मार्ग बताती है.

पटना पुस्तक मेले में रत्नेश्वर सिंह की किताब “मैं” की कीमत 15 करोड़ रुपये,

15 करोड़ की कीमत भी “ब्रह्म” ने तय की!

जब लेखक से कीमत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कीमत उन्होंने खुद नहीं तय की, बल्कि ब्रह्मलोक की यात्रा के दौरान ब्रह्म ने ही यह कीमत उनके ऊपर उतारी. वे बोले, “50 करोड़ या 100 करोड़ भी रख सकते थे, लेकिन 15 करोड़ ही ब्रह्म की ओर से तय हुई.”

चुनिंदा स्थानों पर मुफ्त पढ़ने को उपलब्ध होगा

सबसे हैरान करने वाली बात यह कि लेखक ने साफ कहा कि इस ग्रंथ को खरीदने की कोई जरूरत नहीं है. इसे कुछ खास स्थानों पर रखा जाएगा जहां कोई भी व्यक्ति आकर इसे पढ़ और सुन सकता है. उनका कहना है कि वे लोगों को पुरानी किताबों-ग्रंथों की तरह खरीदने की लाइन में नहीं लगाना चाहते.

किताब दिखाई, लेकिन पन्ने पलटने नहीं दिए

लॉन्चिंग के दौरान लेखक रत्नेश्वर सिंह ने किताब को तो शो-केस किया, लेकिन किसी को भी इसके पन्ने पलटने या अंदर झांकने की इजाजत नहीं दी गई. रत्नेश्वर सिंह बिहार के लखीसराय जिले के बरहिया निवासी हैं और यह उनकी पहली किताब नहीं है. उन्होंने अब तक 20 से ज्यादा किताबें लिखी हैं, जिनमें उपन्यास, पत्रकारिता और प्रेरणादायक पुस्तकें शामिल है.

लेखक रत्नेश्वर की ”मैं” ब्रह्मलोक यात्रा और रहस्यमय दावों के साथ चर्चा का केंद्र बनी है.

दुनिया की सबसे महंगी किताब कौन सी?

बता दें कि अभी तक दुनिया की सबसे महंगी किताब का रिकॉर्ड लेोनार्डो दा विंची के “कोडेक्स ऑफ लेस्टर” के नाम है जिसे बिल गेट्स ने 1994 में 30.8 मिलियन डॉलर (आज की कीमत करीब 270 करोड़ रुपये से ज्यादा) में खरीदा था. फिलहाल 15 करोड़ की यह रहस्यमयी किताब चर्चा का विषय बनी हुई है.

क्या लिखा है 15 करोड़ वाली किताब में?

15 करोड़ की कीमत, 3 घंटे 24 मिनट का लेखन, ब्रह्मलोक की यात्रा और पन्ने न पलटने देने की शर्त- इन सबने “मैं” को बहस, जिज्ञासा और आकर्षण का केंद्र बना दिया है. दावा भले कितना भी अलौकिक हो पर इतना तय है कि पटना किताब मेले में यह पुस्तक लोगों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा बटोर रही है.

About the Author

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

First Published :

December 13, 2025, 07:31 IST

homebihar

15 करोड़ की किताब देखने के लिए पटना बुक फेयर पहुंचिये, दुनिया में केवल 3 कॉपी

Read Full Article at Source