Last Updated:December 13, 2025, 05:03 IST
Jaguar Fighter Jet: भारत को 20 से ज़्यादा जगुआर फाइटर जेट देने का ऐलान करने के साथ ही अब ओमान इंडियन एयर फोर्स को इस एयरक्राफ्ट के पार्ट्स भी देगा. इससे ना सिर्फ आईएएफ की ताकत में इजाफा होगा, बल्कि इसके जगुआर फ्लीट में नई जान आ जाएगी. IAF अभी 6 जगुआर स्क्वॉड्रन को ऑपरेट करती है, जिनमें 18 से 20 फाइटर जेट शामिल हैं.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अरब देशों की यात्रा से पहले भारत के लिए एक महत्वपूर्ण रक्षा बढ़त तय हो गई है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि ओमान से जगुआर लड़ाकू विमानों के दुर्लभ और बेहद जरूरी स्पेयर पार्ट्स भारत को मिलने वाले हैं, जो भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की पुरानी पड़ रही जगुआर फ्लीट के लिए नई जान साबित होंगे.
विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि रॉयल एयर फोर्स ऑफ ओमान (RAFO) ने अपने जगुआर जेट्स को कुछ समय पहले सेवा से हटा दिया था. अब इन विमानों के पास बड़ी मात्रा में स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध हैं, जिन्हें वे भारत को ट्रांसफर करने के लिए तैयार हैं. चटर्जी ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि इन स्पेयर पार्ट्स की पहली खेप जल्द ही भारत पहुंचने लगेगी.”
ओमान के जगुआर अब बनेंगे भारत की फाइटर फ्लीट के ‘लाइफसेवर’
ओमान की एयर फोर्स ने लम्बे समय तक जगुआर जेट्स का इस्तेमाल किया. अब यह पूरी फ्लीट दस्तावेज़ से नहीं, बल्कि भारत की ज़रूरतों के हिसाब से एक-एक हिस्से में बदल दी जाएगी. इनमें शामिल होंगे – इंजन, फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, एवियोनिक्स मॉड्यूल, एयरफ्रेम पार्ट्स और कई दुर्लभ स्पेयर जो अब दुनिया में मुश्किल से मिलते हैं.
भारतीय वायुसेना वर्तमान में 6 जगुआर स्क्वॉड्रन को ऑपरेट करती है, जिनमें 18–20 विमान शामिल हैं. उम्र के कारण इन विमानों के लिए स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता लगातार चुनौती बनती जा रही थी. ऐसे में ओमान की मदद भारतीय वायुसेना के लिए रणनीतिक राहत है.
IAF की ‘Deep Strike’ क्षमता को मिलेगा बढ़ावा
जगुआर भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ एक पुराना विमान नहीं, बल्कि थल-रणभूमि में गहराई तक वार करने वाला मुख्य स्ट्राइक फाइटर है. नई सप्लाई आने के बाद – जगुआर फ्लीट की सर्विसबिलिटी बढ़ेगी, मौजूदा विमानों की उम्र 8–10 साल तक बढ़ सकती है, मिशन रेडीनेस में काफी सुधार आएगा और No Fly पर खड़े जगुआर फिर से ऑपरेशनल हो सकेंगे.
भारत को रणनीतिक बढ़त
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से पहले इस घोषणा को सामरिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है. भारत ना सिर्फ मिडिल ईस्ट में रक्षा साझेदारी मजबूत कर रहा है, बल्कि पुराने साथी देशों से व्यावहारिक सैन्य सहयोग भी बढ़ा रहा है और अपनी फाइटर फ्लीट की उम्र बढ़ाकर दीर्घकालिक लड़ाकू क्षमता सुरक्षित कर रहा है.
निष्कर्ष
ओमान से मिलने वाले स्पेयर पार्ट्स भारतीय वायुसेना के जगुआर बेड़े के लिए एक लाइफलाइन की तरह हैं. यह कदम न केवल भारत की डिफेंस रेडीनेस को मजबूत करेगा, बल्कि रणनीतिक साझेदारी के नए आयाम भी खोलेगा.
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राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 13, 2025, 05:03 IST

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