बनारस से मोजाम्बिक को भेजा 3300 हॉर्स पॉवर का इंजन, 100 किलोमीटर होगी रफ्तार

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Last Updated:December 16, 2025, 21:13 IST

BLW Achievement : बीएलडब्‍ल्‍यू यानी बनारस लोकोमोटिस वर्क्‍स ने अफ्रीकी देश मोजाम्बिक को एक और शक्तिशाली इंजन का निर्यात किया है. यह इंजन 100 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकता है.

बनारस से मोजाम्बिक को भेजा 3300 हॉर्स पॉवर का इंजन, 100 किलोमीटर होगी रफ्तारबनारस लोकोमोटिस वर्क्‍स ने अफ्रीकी देश को 6वां रेलवे इंजन निर्यात किया है.

नई दिल्‍ली. बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन किया है. BLW ने अफ्रीकी देश मोजाम्बिक के लिए छठा स्वदेशी 3,300 हॉर्स पावर का डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन रवाना किया है. मोजाम्बिक के लिए कुल 10 ऐसे आधुनिक इंजन भेजे जाने हैं, जिनका निर्यात राइट्स (RITES) के जरिए किया जा रहा है. इससे पहले जून, सितंबर, अक्टूबर और 12 दिसंबर को भी इंजन भेजे जा चुके हैं.

BLW द्वारा बनाए गए ये 3,300 HP केप गेज इंजन 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकते हैं. इनमें ड्राइवर की सुविधा के लिए आधुनिक केबिन, फ्रिज, हॉट प्लेट और मोबाइल होल्डर जैसी जरूरी स्तर की सुविधाएं दी गई हैं, जिससे काम करना आसान और सुरक्षित होता है. इन खूबियों के साथ यह इंजन अंतरराष्‍ट्रीय मानकों को भी पूरा करता है. भारत ने ऐसे इंजन का निर्माण करने के साथ ही उसका निर्यात भी शुरू कर दिया है.

विदेशों में जमा रहा धाक
वाराणसी स्थित BLW भारतीय रेलवे का एक प्रमुख कारखाना है और अब इंजन निर्यात का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. साल 2014 के बाद से BLW ने श्रीलंका, म्यांमार और मोजाम्बिक जैसे देशों को इंजन भेजे हैं, जिससे वहां की रेलवे व्यवस्था को मजबूती मिली है. ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के तहत भारतीय रेलवे अलग-अलग देशों की जरूरत के हिसाब से ट्रेन और इंजन बनाने में सक्षम साबित हो रही है. भारत अब ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और इटली जैसे यूरोपीय देशों के साथ-साथ अफ्रीका और एशिया के कई देशों को मेट्रो कोच, यात्री डिब्बे, इंजन और अन्य रेलवे उपकरण निर्यात कर रहा है. BLW की ये उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत तकनीक के मामले में आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक रेलवे बाजार में उसकी पकड़ लगातार मजबूत हो रही है.

अमेरिका के सहयोग से हुई थी शुरुआत
डीजल लोकोमोटिव वर्क्‍स यानी डीएलडब्‍ल्‍यू की स्‍थापना साल 1961 में भारतीय कंपनी मेसर्स एल्‍को और अमेरिकी कंपनी के सहयोग से शुरू किया गया था. साल 2020 में इसका नाम बदलकर बीएलडब्‍ल्‍यू कर दिया गया, जिसमें बी का तात्‍पर्य है, बनारस. इसका मकसद भारतीय रेलवे की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही दुनिया के अन्‍य देशों को भी निर्यात करना शुरू कर दिया है. बीएलडब्‍ल्‍यू में बनने वाले रेलवे इंजन पूरी तरह स्‍वदेशी तकनीक पर आधारित होते हैं.

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Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 16, 2025, 21:13 IST

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