Sonipat property news: दिल्ली-नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे शहरों में भारी प्रदूषण से परेशान लोग अब ऐसी जगह तलाश रहे हैं, जहां वे इस जहरीले धुएं से अपने आपको और परिवार को बचा सकें और एनसीआर में अपनी नौकरी भी बचा सकें. ऐसा ही एक शहर घर खरीदारों खोज भी लिया है. जहां न केवल प्रदूषण कम है बल्कि घरों की कीमत से लेकर लोकेशन सब अव्वल है और महज एक घंटे में यहां से दिल्ली-एनसीआर में नौकरी करने के लिए आया भी जा सकता है. यह शहर है सोनीपत. रियल एस्टेट से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले 5 सालों में यह शहर एनसीआर के सभी शहरों को पछाड़ने जा रहा है.
कभी एक साधारण औद्योगिक शहर रहा यह टियर-2 शहर सोनीपत अब तेजी से निवेशकों का पसंदीदा केंद्र बन रहा है. हालिया कॉलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर, नए रोजगार और किफायती कीमतों की वजह से सोनीपत उन भारतीय शहरों में सबसे ऊपर है जो 2030 तक उच्च रिटर्न (ROI) देने के लिए तैयार है. देखा जा रहा है कि निवेशक यहां सिर्फ कुछ समय के लिए निवेश नहीं कर रहे बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए रहने लायक संपत्ति बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
एनसीआर का प्रवेश द्वार सोनीपत, कनेक्टिविटी शानदार
दिल्ली में प्रदूषण की वजह से लोग अब टियर टू शहरों में घर तलाश रहे हैं.
बता दें कि अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-II) बवाना, रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़ और द्वारका को सोनीपत से जोड़ती है, जिससे दिल्ली तक का सफर बहुत आसान और तेज हो जाता है. इसके साथ वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे भी जुड़कर एनसीआर में सहज कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है. क्षेत्रीय परिवहन में, दिल्ली-सोनीपत-पानीपत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) दिल्ली-सोनीपत का सफर सिर्फ़ 60 मिनट में पूरा करने का वादा करता है. वहीं, दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन का विस्तार समयपुर-बदली से सोनीपत तक जल्द ही चालू होने वाला है. यूईआर-II द्वारका एक्सप्रेसवे से भी जुड़ता है, जिससे सोनीपत से गुरुग्राम के तेजी से बढ़ते इलाके तक डायरेक्ट हाई-स्पीड पहुंच मिलती है. इस बीच दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे अपने हरियाणा खंड के साथ एनएच-44 और खलीलपुर में केएमपी के माध्यम से जुड़ता है, ये कॉरिडोर मिलकर सोनीपत को नोएडा, गुरुग्राम, आईजीआई एयरपोर्ट, फरीदाबाद से आसानी से जोड़ते हैं.
बन रहा औद्योगिक केंद्र, रोजगार बढ़ा रहे हैं घरों की मांग
सोनीपत में इंडस्ट्रियल ग्रोथ रेजिडेंशियल ग्रोथ को बढ़ावा दे रही है. मारुति सुजुकी का 18,000 करोड़ रुपये का खरखौदा प्लांट हजारों नई नौकरियां पैदा कर रहा है और ऐसी इंडस्ट्रीज को आकर्षित कर रहा है, जो मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन में और भी हजारों लोगों को जोड़ सकती हैं. यह स्किल हब जापानी काइजेन प्रिंसिपल्स और NCVT एफिलिएशन के साथ काम करता है, जिससे लगातार कुशल कर्मचारियों की आपूर्ति होती है, पेशेवरों को आकर्षित किया जाता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. इस साल सोनीपत में चौथा जापान इंडिया इंस्टीट्यूट फॉर मैन्युफैक्चरिंग लॉन्च किया गया है, जो मोटर व्हीकल मैकेनिक्स और वेल्डिंग जैसी हाई डिमांड ट्रेड्स में हर साल 100 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षण देता है. इसके अलावा, हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSIIDC) बरही, राई और कुंडली के पास इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप और लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास में मदद कर रहा है. इस तेजी से बढ़ती रोजगार संभावनाओं के कारण मिड-इनकम और प्रीमियम हाउसिंग की मांग सीधे बढ़ रही है.
किफायती दाम में लक्जरी
सोनीपत में लक्जरी घरों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.
गुरुग्राम या नोएडा की तुलना में सोनीपत में एंट्री-लेवल निवेश के कई फायदे हैं. दिल्ली-सोनीपत-पानीपत RRTS लाइन, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और एक्सप्रेसवे विस्तार जैसी कनेक्टिविटी परियोजनाओं से जमीन की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं और निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. यहां किफायती प्लॉट और अपार्टमेंट्स के साथ-साथ लक्जरी टाउनशिप्स भी उभर रही हैं, जो एनसीआर मेट्रो से बेहतर रहने के माहौल और उचित कीमत की तलाश में आने वाले अपर मिडिल-क्लास प्रोफेशनल्स के लिए हैं. अफोर्डेबिलिटी और आधुनिक लाइफस्टाइल सुविधाओं का यह संतुलन सोनीपत को पहली बार घर खरीदने वालों और लंबे समय के निवेशकों, दोनों के लिए एनसीआर के आसपास सबसे आकर्षक रियल एस्टेट डेस्टिनेशन बनाता है.
रॉयल ग्रीन रियल्टी के मैनेजिंग डायरेक्टर यशांक वासन कहते हैं कि 2025 में सोनीपत ने दिल्ली एनसीआर में एक मजबूत रियल एस्टेट मार्केट के रूप में अपनी पहचान बनाई. शहर में एक्सप्रेसवे, मेट्रो विस्तार और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर की एक मजबूत लहर चली है. दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन के विस्तार से सोनीपत में विकास को बढ़ावा मिला है. मेट्रो समयपुर-बदली से सोनीपत के नाथूपुर तक पहुंचेगी. नए मेट्रो स्ट्रेच से आने-जाने का समय कम होगा और सड़क पर जाम भी घटेगा. इस विकास के कारण रेजिडेंशियल डिमांड बढ़ेगी. दिल्ली-सोनीपत-पानीपत आरआरटीएस, जो एक प्रोजेक्टेड रेल कॉरिडोर है, 2026 तक शुरू होने वाला है. पहले कम विकसित रहने वाला यह शहर अब बड़ी छलांग लगा चुका है. नए उद्योग, रोजगार सृजन और हाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ने मांग बढ़ा दी है. नई सुविधाओं और हाउसिंग डील्स के साथ प्रॉपर्टी की कीमतें भी बढ़ेंगी. सोनीपत 2026 में लंबे समय के निवेश और विकास के लिए एक आकर्षक शहर बनेगा.
वहीं रोहित किशोर, सीईओ, हीरो रियल्टी कहते हैं कि प्रदूषण के कारण दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में न बसकर कुछ बेहतर तलाशते खरीदारों की बढ़ती आवास मांग और निवेशकों की रुचि के कारण टियर-2 और टियर-3 शहर रियल एस्टेट डेवलपर्स के लिए तेजी से आकर्षक होते जा रहे हैं. बेहतर सड़कें और विस्तारित मेट्रो नेटवर्क जैसे बेहतर बुनियादी ढांचे इन क्षेत्रों को और भी आकर्षक बनाते हैं. सोनीपत में, प्लॉटेड डेवलपमेंट की मांग बढ़ रही है क्योंकि खरीदार बड़े, अनुकूलन योग्य रहने की जगह चाहते हैं. दिल्ली-एनसीआर और आगामी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ इसकी निकटता इसकी बाजार स्थिति को मजबूत करती है.
जिंदल रियल्टी के सीईओ और प्रेसिडेंट, अभय कुमार मिश्रा ने कहा कि साल 2025 दिल्ली एनसीआर रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वाकई एक बड़ा बदलाव लेकर आया था. सोनीपत जैसे टियर-II शहर और द्वारका एक्सप्रेसवे व यमुना एक्सप्रेसवे जैसे छोटे मार्केट तेजी से बढ़े. ये इलाके अपनी अच्छी लोकेशन और बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से रेजिडेंशियल और कमर्शियल लोगों के लिए आकर्षक बन गए. पूरे इलाके में मेट्रो के विस्तार और आने वाले जेवर एयरपोर्ट ने पहुंच को और आसान किया है, जिससे आस-पास के इलाके निवेशकों और घर खरीदने वालों के लिए और भी पसंदीदा हो गए हैं. साथ ही ब्रांडेड और लक्जरी प्रॉपर्टीज़ की मांग बढ़ी है, जो प्रीमियम जीवनशैली की ओर रुझान दिखाती है. सरकार की पहल जैसे अनुकूल रेपो रेट, मजबूत रेरा नियम और जीएसटी 2.0 का आसान क्रियान्वयन ने मार्केट को और पारदर्शी और निवेशक-मित्र बनाया है.
सोनीपत में रियल एस्टेट का भविष्य
बता दें कि सोनीपत मास्टर प्लान 2031 (20,220 करोड़ रुपये का) के तहत सोनीपत का रियल एस्टेट बहुत तेजी से बढ़ने वाला है. इस योजना के तहत इंटीग्रेटेड टाउनशिप और कमर्शियल कॉरिडोर के ज़रिए 2.5 मिलियन लोगों को बसाने का लक्ष्य है. कोलियर्स और 99acres के अनुमान के मुताबिक, मेट्रो विस्तार और स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्कों की वजह से 2030 तक प्रॉपर्टी की कीमतों में तीन गुना बढ़ोतरी होने की संभावना है. सोनीपत सिर्फ ट्रेंड्स का पालन नहीं कर रहा है, बल्कि खुद उन्हें बना रहा है.

10 hours ago
